पतंजलि यौवनामृत वटी के फायदे: Patanjali yauvanamrit vati ke fayde
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पतंजलि यौवनामृत वटी के इतने फायदे कैसे होते हैं और इतनी बेहतर काम कैसे करती हैं तो जानकारी के लिए बता दें यह इन सब चीजों के मिश्रण से बनी हुई होती है जैसे- शतावरी, सफेद मुसली, कॉन्च बीज, अश्वगंधा, जावित्री, जायफल, कुचला, स्वर्ण भस्म, अकरकरा, वांग भस्म, प्रवल पिष्टी, पानरस और शिलाजीत इत्यादि चीजों से मिलकर बनी हुई होती है।अब जान लेते हैं इसके फायदों के बारे में जो इस प्रकार है -
शुक्राणुओं की संख्या में बृद्धि करना
कई लोग ऐसे हैं जिनमें शुक्राणु की संख्या में कमी हो जाती है जिसके कारण वह अपने परिवार को आगे बढ़ा नहीं पाते। तो उस समस्या से छुटकारा
पाने के लिए पतंजलि यौनअमृत वटी का उपयोग कर सकते हैं। यौवनामृत शुक्राणुओं की कमी को पूरा करने में हमारी हेल्प करता है और आपके शरीर के अंदर पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करता है जिसके कारण प्रजनन की क्षमता बेहतर होती है और शुक्राणुओं की संख्या भी ठीक हो जाती है।
शीघ्रपतन से दिलाएं छुटकारा
शीघ्रपतन का मतलब यही है कि जल्द ही स्खलन हो जाना। यदि आप शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित है। तो यौनअमृत वटी के सेवन से जल्द ही छुटकारा मिल जाता हैं।
शरीर में ताकत और स्फूर्ति ला देता है
पतंजलि यौवनामृत वटी में कुछ ऐसी जड़ी बूटियों मिलाई जाती हैं जिनका मकसद यही होता है कि आपके शरीर में ताकत भर दे। कभी-कभी ऐसा होता है कि थोड़े ही काम करने के बाद आप बहुत थक गए हुए महसूस करते हैं तो उसकी कमी को भी पूरा कर देता है क्योंकि यह टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ा देता है यदि आप जिम करने वाले हैं तो यह आपके मसल्स को भी बढ़ाने में काफी हेल्प करता है।
स्मरण शक्ति को बेहतर बनाएं
कुछ लोग अपनी लाइफ में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उन्हें अपने आप को समय देने के लिए भी टाइम नहीं बचता आज पूरे दिन भर की भागदौड़ में हमेशा तनाव भरा रहता है जिसके कारण उनमें काफी चिड़चिड़ापन आ जाता है और उनकी स्मरण शक्ति भी कम हो जाते हैं और धीरे-धीरे दिमाग भी कमजोर होने लग जाता है लेकिन पतंजलि का यह दिव्य यौवनामृत वटी आपकी हेल्प कर सकता है और आपका दिमाग तेज और स्मरण शक्ति भी ठीक हो जाएगी।
जोड़ों के दर्द में आराम दिलाएं
पतंजलि यौवनामृत वटी में शिलाजीत कभी मिलाया जाता है जिसके कारण आपके जोड़ों के दर्द के लिए काफी फायदेमंद साबित हो जाता है यदि आपके जोड़ों में काफी दर्द रहता है तो आपको पतंजलि यौनअमृत को और से सेवन करना चाहिए।
स्टैमिना को बढ़ाने में सहायक
यदि आप तो शरीर में स्टैमिना की कमी है और आप थोड़े समय में जल्दी थक जाते हैं तो आपको इस वटी का सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि इसमें शतावरी और अश्वगंधा को मिलाया जाता है जो आपके स्टेमिना को बढ़ाने के साथ-साथ अच्छे परफॉर्मेंस में भी मदद करता है।
मानसिक शांति में मददगार
यौवनामृत वटी में कुछ ऐसी चीजें डाली जाती है जिसका नाम है अश्वगंधा जो आपके तनाव को दूर करके मानसिक शांति देने में हेल्प करता है।
यौवनामृत वटी के घटक
- अश्वगंधा 12 मिलीग्राम
- कौंच बीज 12 मिलीग्राम
- बला 12 मिलीग्राम
- जायफल 17.50 मिलीग्राम
- सफेद मूसली 12 मिलीग्राम
- सतावर 8.25 मिलीग्राम
- कुचला शुद्ध 2 मिलीग्राम
- बाबुल 1.75 मिलीग्राम
- जुंदवेस्तर 12 मिलीग्राम
- स्वर्ण भस्म 0.25 मिलीग्राम
- शिलाजीत शुद्ध 5.50 मिलीग्राम
- प्रवाल पिस्टी 0.25 मिलीग्राम
- वांग भस्म 5.50 मिलीग्राम
पतंजलि यौवनामृत वटी का उपयोग एवं सेवन विधि
- पतंजलि यौवनामृत वटी का सेवन दिन में दो बार सुबह और शाम को किया जा सकता है।
- सुबह के समय खाली पेट और शाम को खाना खाने के बाद एक एक गोली ले
- आप चाहे तो दूध के साथ ले सकते हैं और फायदा होगा।
- दिन में दो टेबलेट का सेवन करना चाहिए।
- यौवनामृत वटी का सेवन लगभग 30 दिनों तक करें।
पतंजलि यौवनामृत वटी के नुकसान
यदि यौवनामृत वटी का सेवन करते समय कोई दुष्प्रभाव नजर आए तो सबसे पहले खुराक को बंद कर दें और चिकित्सक से सलाह जरूर कर लें।
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Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी नारो हेल्थ टिप्स पुष्टि नहीं करता है, इनको केवल अपने सामान्य जानकारी और सुझाव के रूप में लें, किसी भी प्रकार का दवा/उपचार/ डाइट लेने से पहले किसी अपने डॉक्टर से सलाह परामर्श जरूर कर लें।
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