बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं: Bavasir mein dudh Pina chahie ya nahin
बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं, आपको यह भली भाती जानकारी होगी कि बवासीर से पीड़ित मरीज
को सबसे ज्यादा अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है क्योंकि इस बीमारी का
मुख्य कारण कब्ज ही होता है। यदि कब्ज को दूर कर लिया जाए तो यह बीमारी धीरे धीरे कम
हो जाती है।
दोस्तों अगर हम अपने टॉपिक के बारे में बात करें कि बवासीर
में दूध पीना चाहिए या नहीं? क्या मलद्वार के
रोगों में दूध पीने से मवाद ज्यादा बन सकता है।
बवासीर के रोगियों का क्या कहना है।
कई लोगों का प्रश्न होता है कि मैं दूध पीता हूं तो मवाद
ज्यादा आने लगते हैं। और कुछ लोग कहते हैं की मेरी सूजन बढ़ जाती है।
जवाब
इन्हीं प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए हमने यह आर्टिकल
लिखने का प्रयास किया है की अगर दूध पीते हैं तो कितना पी सकते हैं और कैसे पी
सकते हैं।
मलद्वार के रोग को समाप्त करने के लिए क्या दूध का कोई रोल
हो सकता है या नहीं अगर है भी तो क्या है।
दोस्तों आपको यह समझने की आवश्यकता है कि दूध अपने आप में एक
नेचुरल लेजेटीव है, मल्टीविटामिन और
कैल्शियम का स्रोत है इम्यूनिटी system को बूस्ट करता है
तो ऐसी चीजों को क्यों बंद किया जाए।
कुछ डॉक्टर से ऐसे भी होंगे जो दूध को पीने से मना करते हो
परंतु ऐसा कोई साइंटिफिक रीजन नहीं निकलता कि इसे बंद कर दिया जाए।
इंटरनल इम्यूनिटी को बूस्ट करना दूध का काम होता है।
बवासीर में दूध पीने का सही तरीका
बवासीर में दूध पीने का सही तरीका होता है कि हमेशा दूध में
आधा या एक चम्मच हल्दी मिलाकर ही पीये। क्योंकि हल्दी खुद में एक नेचुरल
एंटीबायोटिक है। और एंटी एनवायरमेंट को कवर करती है और जितने भी मलद्वार के आसपास जो
सूजन होती हैं उनको खत्म करने की क्षमता रखती है।
यदि आप बवासीर के रोगी है तो हमेशा दूध के साथ हल्दी को
डालकर पीये।
तो दोस्तों आप अपने दिमाग से भ्रम को हटा दीजिए कि दूध पीने
से हानि होती है। ऐसा नहीं है आप खूब दूध पिये मगर हल्दीडालकर।
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