तालमखाना के फायदे क्या है इन हिंदी | Talmakhana ke fayde kya hai in hindi

तालमखाना के फायदे क्या है, कहां पाया जाता है, जाने प्रयोग और खाने का तरीका इन हिंदी-talmakhana ke fayde kya hai in hindi, कोकिलाक्ष के बीज खाने के फायदे बताएं, और इसके प्रयोग से आपको क्या क्या लाभ मिल सकता है। हम आपको तालमखाना को छवि के साथ दिखाएंगे, ताकि आपको इसे पहचानने में कोई दिक्कत ना आए और यह कहां पाया जाता है।

तालमखाना के बीज खाने के फायदे क्या है बताएं, कहां पाया जाता है,का इस्तेमाल,फायदे, लाभ, तरीका, पौधा कैस इन हिंदी-talmakhana ke fayde kya hai in hindi

तालमखाना (कोकिलाक्ष) के फायदे क्या हैं इन हिंदी- (Talmakhana ke fayde in hindi)

इस आर्टिकल में हम जानेंगे तालमखाना के फायदे क्या होते है (Talmakhana ke fayde kya hai in hindi) और इसके प्रयोग से आपको क्या क्या लाभ मिल सकता है। हम आपको तालमखाना को छवि के साथ दिखाएंगे, ताकि आपको इसे पहचानने में कोई दिक्कत ना आए और यह कहां पाया जाता है। बहुत से लोग होंगे जिन्हें इसका सही इस्तेमाल करना नहीं जानते परंतु हम आपको इसके प्रयोग के बारे में भी बताएंगे कि आपको इसका सही इस्तेमाल करना आ जाएगा जिससे आप इसका पूरा पूरा फायदा ले सकते हैं।

जानिए तालमखाना क्या होता है-(talmakhana kya hai in hindi)

तालमखाना एक तरह का छोटे झाड़ीदार पौधे की तरह होता है। और यह एक औषधीय पौधे के रूप में काफी प्रचलित है। इसमें लंबे-लंबे कांटे, और साथ ही लंबी पतली हरी पत्तियों के बीच में फूल मौजूद होता है। जिसका उपयोग हम तरह-तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाते हैं।

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तालमखाना को कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है

तालमखाना को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कोकिलाक्ष को अंग्रेजी में Marsh Barbel के नाम से पुकारा जाता है। और वनस्पति नाम hygrophila auriculata है। साथ ही दूसरी भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता हैं।

Hindi- ताल मखाना, जुलीआकाण्टा, कोकिला आंख गोकुलकाँटा

Urdu- तालिमखाना

Sanskrit- कोकिलाक्षइक्षुबालिकाकाकेक्षुकाण्डेक्षु

Gujarati- एखरो, आखो

Tamil- निरमुल्ली

Bengali- कुलियाखारा, कण्टकलिका

Punjabi- तालमखाना

तालमखाना कहां पाया जाता है?

कोकिलाक्ष को पाने के लिए आप तालाब के आस-पास और जहां पर हमेशा पानी जमा हुआ रहता है या फिर गीली मिट्टी वाले जैसे स्थानों पर यह अक्सर दिख जाते हैं।

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तालमखाना के आश्चर्यजनक गुण

Talmakhana ke fayde kya hote hai तालमखाना की कई सारी खूबियां होती है। इसमें मौजूद पत्तियां और छोटे-छोटे बीजों से कई बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे यौनशक्ति को बढ़ाना, कामोत्तेजना की कमी को दूर करना, पेशाब को साफ करने के लिए, शीघ्रपतन से छुटकारा और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होता है।

तालमखाना में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं?

तालमखाना में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं? तालमखाना में प्रोटीन की मात्रा लगभग 9.7 प्रतिशत पाया जाता है होता है जो भोजन को पचाने में हेल्प करता है।

कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 76%, पानी की मात्रा 12.8% इसमें वसा की मात्रा ना के बराबर यानी कि 0.1 प्रतिशत, खनिज लवण की मात्रा 0.5%, आयरन 1.4/100 ग्राम, फास्फोरस की मात्रा 0.9% मौजूद होता है।

तालमखाना के प्रयोग क्या है?

तालमखाना एक औषधिय पौधा होता है जिसको हम कई रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाते हैं। आप चाहे तो इसके पत्ते, बीज, जड़े या फिर डालियों को भी उपयोग में ला सकते है जो हर तरह से कारगर साबित होता देखा गया है, तो आइए जानते हैं इसके होने वाले प्रयोग के बारे में-

Talmakhana ke fayde in hindi ताल मखाना का प्रयोग रक्त विकार में, पीलिया रोग में, गठिया, पेट में होने वाली जलन, सूजन कम करने के लिए, यूरिन संबंधित दोष, बलदायक, वीर्य को गाढ़ा करने के लिए, स्त्री संभोग शक्ति, कुष्ठ रोग और नाना प्रकार के रोगों में फायदेमंद साबित होता है जिसे आप आगे विस्तार से जानेंगे कुछ अन्य फायदों के बारे में।

तालमखाना के क्या क्या फायदे होते है- (Talmakhana ke fayde kya hai in hindi

गठिया

प्रयोग से पता चला है कि तालमखाना की जड़ और पत्तियां बहुत लाभदायक होती हैं इनका काढ़ा बनाकर सेवन करने से यकृत से जुड़ी विकारों में लाभ मिलता है और साथ ही ज्ञानेंद्रियों और पेशाब से संबंधित बीमारियों में भी लाभ होता है जलोदर, गठिया तथा मूत्र से जुड़े परेशानियों में भी आराम मिलता है।

तालमखाना के फायदे हैं कुष्ठ रोग में

कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को तालमखाना के जड़ और पत्तों का जूस निकाल कर पीने से मरीज को बहुत फायदा होता है। Talmakhana ke fayde kya hai in hindi आप चाहे तो प्रतिदिन इसके पत्तों का साग बना कर खा सकते हैं इससे भी लाभ हो जाता है।

प्रसवकष्ट- Talmakhana ke fayde kya hai in hindi

बगसेन का कहना है कि इसकी जड़ और शक्कर को बराबर मात्रा में लेकर मुंह में चबाने से जो रस निकलता है। उसे प्रसव की पीड़ा से परेशान महिला के कान में यदि डाल दिया जाए तो थोड़े ही समय के पश्चात प्रसव हो जाता है।

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नींद ना लगना

बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें नींद बहुत कम आती है या सोने के लिए नींद की गोली का इस्तेमाल करते हैं। आप चाहे तो उसकी जगह कोकिलाक्ष की जड़ और पत्तियों को पानी में उबालकर सेवन करें अब देखेंगे इस समय बाद चटकी हुई नींद वापस आ जाएगी और आप अच्छी तरह नींद ले पाएंगे।

नपुंसकता- (Talmakhana ke fayde kya hai ine Hindi)

आजकल आजकल नपुंसकता की समस्या काफी तेजी से बढ़ रहे हैं जिसका सीधा अर्थ होता है आपके लिंग में न आना इसके लिए 50 ग्राम कौंच का बीज और 50 ग्राम कोकिलाक्ष का मिश्रण तैयार कर लें और सामग्री में 100 ग्राम मिश्री को भी मिला दीजिए, और उस तैयार सामग्री को रोज हल्का गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें, आप पाएंगे कुछ दिनों के बाद आप का वीर्य गाढ़ा हो जाएगा और आपकी नपुंसकता की समस्या भी दूर हो जाएगी।

तालमखाना से पथरी का इलाज

पथरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए तालमखाना, गोखरू तथा उनके साथ अरंडी की जड़ के चूर्ण तीनों सामग्रियों को दूध में मिलाकर सेवन करने से पेशाब संबंधी परेशानियां और साथ ही पथरी की बीमारी से भी छुटकारा मिल जाता है।

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यौन शक्ति के इलाज में

तालमखाना के बीज, कौंच का बीज, पिस्ता, बादाम, केसर, गिलोय, शतावरी को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें, और गाय के घी को आधा चम्मच तैयार चूर्ण के साथ का रोज सेवन करने के 10 मिनट बाद हल्का एक गिलास गर्म दूध को पी जाएं इससे बल वीर्य शक्ति, शीघ्रपतन, शारीरिक कमजोरी और नपुंसकता दूर हो जाती है।

खांसी में लाभदायक

कुछ लोगों में थोड़े बहुत मौसम का बदलाव होने पर उनको सर्दी और खांसी हो जाती है और वाह खांसी जल्दी ठीक नहीं होती, तो आपके लिए हमारी यही सलाह रहेगी कि आपको घरेलू नुस्खे का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

इसके लिए आपको तालमखाना के कुछ पत्तों का पाउडर तैयार कर लें, और उसके साथ एक चम्मच शहद को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें और उसे चाटने से खांसी में आराम हो सकता है।

ब्लड से संबंधित परेशानी

यदि खून से संबंधित कोई परेशानी है, तो तालमखाना के पत्तों को पानी में उबालने के बाद बचा हुआ पानी रोगी को पीने के लिए दें, इससे रक्त से जुड़ी बीमारियां दूर हो जाएगी।

पीलिया

लंबे समय से पीलिया से ग्रसित व्यक्ति को तालमखाना का काढ़ा बनाकर देना चाहिए। इसके लिए डेढ़ गिलास पानी में एक मुट्ठी तालमखाना के पत्तों को डालकर उबालें, उसे तब तक उबालें जब तक पानी जलकर एक कप ना हो जाए और उसे रोज सुबह खाली पेट पीने को दें इससे पीलिया, एनीमिया, जलोदर तथा मूत्र से जुड़ी दिक्कत ठीक हो जाती है।

तालमखाना के फायदे हैं मधुमेह में

talmakhana ke fayde kya hai in hindi दुनिया की रफ्तार इतनी तेज हो चुकी है कि इस रफ्तार में हम अपने खानपान पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते, जिसके चलते किसी न किसी को मधुमेह का शिकार होना ही पड़ता है। इसके लिए आप तालमखाना के बीज का काढ़ा तैयार कर लें, और उसमें थोड़ा मिश्री डालकर पीने से मधुमेह में लाभ होता है।

तालमखाना के फायदे सांस से संबंधित बीमारी में

जिनको सांस लेने में कोई समस्या आ रहे हो, तो तुरंत आराम पाने के लिए तलमखाना का सेवन एक बार जरूर करके देखें। इसके लिए थोड़ी मात्रा में तलमखाना के बीज का चूर्ण को शहद और घी को मिलाकर खिला देने से सांस की समस्या में आराम हो जाता है।


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अब आपको तालमखाना के बारे में काफी अच्छे से समझ में आ गया होगा कि तालमखाना के फायदे क्या है इन हिंदी- Talmakhana ke fayde kya hai in hindi, कहां पाया जाता है और इसकी पहचान क्या होती है और क्या क्या फायदे होते हैं। दोस्तों आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा।

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1 Comments

  1. अतिसुन्दर ,बहुत ही सराहनीय 👌👍🏻

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